बुधवार, 10 दिसंबर 2008

दावा महा शक्ति का
महा शक्ति बनने का दावा करते नहीं अघाते हैं
लेकिन क्यों आतंकवाद से ख़ुद को नहीं बचाते हैं ?
नहीं surakshit आज कहीं हम उत्तर हो या दक्षिण
खून से लथपथ पड़ी है धरती पूरब हो या पश्चिम
इस पर करे सियासत कोई सहन नहीं कर पाते हैं
महा शक्ति बनने का दावा करते नहीं अघाते हैं
आतंकी आते हैं लेकिन सरकारें तो सोती हैं
मरते हैं जब बेगुनाह तो अपनी धरती रोती है
लेकिन देकर त्याग पत्र का नाटक करते नेता गण
कण कण में आक्रोश भरा जन मानस आपा खोती है
महा mahim bhi जान समझ कर चुप चुप समय बिताती हैं
महा शक्ति बनने का दावा करते नहीं अघाती हैं
laskar हो या मुजाहिदीन सबने ललकारा भारत को
गोला बारूद लेकर जो थर्राया कई इमारत को
आए कैसे यक्ष प्रश्न अब सबके मन की उलझन है
सिमी हो या नक्शल वादी सबको मिली महारत है
राज नीति करते नेता गणलेकिन कब शर्माते हैं
महा शक्ति बनने का दावा करते नहीं अघाते हैं
छोडो गद्दी शासन करना सोंपो सत्ता सेना को
आ जाओ अब साथ हमारे पालें तोता मैना को
तुम सब जब कमजोर स्वयं हो तुमसे क्या रक्षा होगी
साथ हमारे मर कर देखो बंद करो अब रोना को
तेरे कारण हीं आतंकी आकर हमें सताते हैं
महा शक्ति बनने का दावा सिरे से झुठलाते हैं
' पाठक परदेसी '

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