दिल्ली दुल्हन बन गई मंडप है तैयार
बाराती आने को तत्पर सांसत में सरकार
सांसत में सरकार निरंतर खुलने लगे हैं ताले
जहमत में जनता कुछ ऐसी छीन गए सभी निवाले
अधिकारी कुछ ऐसे जिनके गले पड़ी है माला
एक रंग में रंग गए सब करके कोई घोटाला
शिला जी चुप चुप यहाँ जैसे भीगी बिल्ली
कामन वेल्थ के नाम पर खुदी पड़ी है दिल्ली
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