पेरिस बनने चली थी दिल्ली , बन बैठी न्यूयार्क
दहशत के अंधियारे में , होने लगा स्पार्क
शाल ओढ़, ऐ . सी . में बैठी , शीला दीक्षित चुपचाप
अपराधी बे खौफ हैं , क्या कर लेंगे आप ?
दरिया दिल दिल्ली पुलिश , खोज रही है रोज
आ जाये जो पकड़ में , कर लेगा वह मौज
शनिवार, 15 जनवरी 2011
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