गुरुवार, 27 जनवरी 2011

बजने लगा है बैंड
मानवता को मार कर भर कर अपना जेब
लाल टमाटर बन गए या फिर बन गए सेव
पैसा है परदेस में खुद बन बैठे नाग
काले धन के कोढ़ ने लगा दिया है दाग
अरबो खरबों पहुँच गया मजे में स्वीटजरलैंड
बदहाली अपने यहाँ बजने लगा है बैंड

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