KAVITAYEN
शुक्रवार, 18 जनवरी 2013
है विस्मयकारी स्थिति हर मन अचंभित है।।
मनमोहन! उठो अब शस्त्राग्रह और युद्घ करो।
शत्रु रण में खड़ा है, सारा भारत आंदोलित है।
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नागेन्द्र पाठक
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