फलसफा
जीवन का जो फलसफा लगता है अब सफा सफा
जीवन धन अनमोल है लेकिन सबके सब हैं खफा खफा
उत्तम खेती माध्यम बान शिक्षा सबका एक निदान
सदियों से चलता आया जो सबने माना इसे विधान
लेकिन आज नहीं कुछ ऐसा सबके ऊपर आया पैसा
रिश्वतखोरी या हो चोरी सबने माना इसे प्रधान
दान धर्म की बात न करना मिले नहीं अब कहीं वफ़ा
जीवन का जो फलसफा लगता है अब सफा सफा
सादा जीवन उच्च विचार करना सबसे सद्व्यवहार
बचपन से सुनता आया पर बदल गया सब फिर एक बार
दकियानूसी सोच मिलेगी भड़कीले अब पहनावा
कहते सब कुछ बदल रहा तो बदलो यह संसार
आँखों में अब नहीं है पानी करते सब कुछ रफा दफा
जीवन का जो फलसफा लगता है अब सफा सफा
धमा चौकड़ी होड़ लगी है जैसे कोई मोड़ नहीं है
कल का आलम कैसा होगा साथ सत्य भी छोड़ रही है
मंत्र एक अपनाना होगा वापस घर को आना होगा
संतोषम परमं सुख पाना मन के अन्दर शोर यही है
जो भी इसको अपना लेगा करके सब कुछ रफा दफा
जीवन धन मिल जाएगा और नहीं रहेगा खफा खफा
जीवन का जो फलसफा होगा फिर न रफा दफा
जीवन का जो फलसफा होगा फिर न रफा दफा