गुरुवार, 5 दिसंबर 2013

 सोमालिआ के पथ पर भारत 


दुनियाँ में आये  हैं तो जीना हीं पडेगा | 
जीवन है अगर जहर तो पीना हीं  पडेगा ॥ 

 हाँ , आज  भारत कि स्थिति कुछ ऐसी हीं हो गई है  । 
 कहने को हम उन्नति के पथ पर अग्रसर हो रहे हैं,
 परन्तु निरंतर इसका उलटा होता जा रहा है ।
 कहाँ तो हम महा  चले थे , वहीँ डालर ने एक झटके
 में हमें जमीन पर ला पटका,  और हमारा रुपया औंधे 
मुंह पड़ा कराह रहा है । आज बैठे बिठाये हमारी क्रय शक्ति 
में २५% कि कमी आ गई ।  ........ aur bhi

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