दुनियाँ में आये हैं तो जीना हीं पडेगा |
जीवन है अगर जहर तो पीना हीं पडेगा ॥
हाँ , आज भारत कि स्थिति कुछ ऐसी हीं हो गई है ।
कहने को हम उन्नति के पथ पर अग्रसर हो रहे हैं,
परन्तु निरंतर इसका उलटा होता जा रहा है ।
कहाँ तो हम महा चले थे , वहीँ डालर ने एक झटके
में हमें जमीन पर ला पटका, और हमारा रुपया औंधे
मुंह पड़ा कराह रहा है । आज बैठे बिठाये हमारी क्रय शक्ति
में २५% कि कमी आ गई । ........ aur bhi
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें