सोमवार, 7 मई 2012

                सपना मनी मनी

अपना सपना मनी मनी  , कसे भी बन जाएँ धनी
हाथ पाँव हिलने न पाए जीवन में हो हनी हनी 
अपना सपना मनी मनी , अपना सपना मनी मनी 
बिन बादल के बरसे पानी मिले लाभ पर नहीं हो हानी
बिन मांगे सब कुछ हो हाजिर काम बने पर सदा जुबानी 
आगे पीछे लगे हों सेवक खुले भाग्य भी देकर दस्तक 
पासों की अम्बार लगी हो दुनिया बोले राजा रानी 
राम करे ऐसा हो जाये और नहीं हो देर घनी 
अपना सपना मनी मनी , अपना सपना मनी मनी

हाथों में सोने के छल्ले खाएं हम हर दिन रसगुल्ले 
जो सोचें पल में मिल जाये जीवन भर हो बल्ले बल्ले 
सेहरा भी बंध जाये सर पर वो भी ऐसा सबसे हट कर 
आलिशान महल मिल जाये रहलें उसमें खुल्ले खुल्ले 
चांदी की चौखट हो घर में वो भी एकदम नई बनी 
अपना सपना मनी मनी , अपना सपना मनी मनी

लेकन सब आसन नहीं है अपनी तो पहचान नहीं है 
जीवन जंग बना है जैसे जिसमें तो आराम नहीं है 
मेहनत के बल पर जो पाओ उसमें अपनी सभी बनाओ 
अथक परिश्रम करो जो प्यारे तन मिटटी से सनी सनी 
सपना सच हो जाएगा और खेलोगे  तुम मनी मनी 
सपना सच हो जाएगा और खेलोगे  तुम मनी मनी 

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